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यजुर्वेदः
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যজুর্বেদ
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যর্জুবেদ
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یجروید
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یجُر وید
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जजुर्बेद
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யசூர்வேதம்
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ଯଜୁର୍ବେଦ
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యజుర్వేదం
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ਯੁਜਰਵੇਦ
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યજુર્વેદ
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ಯಜುರ್ವೇದ
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യജുര്വേദം
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yajur-veda
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यजुर्वेद
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यजुः
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सुबालोपनिषत् - द्वितीयः खण्डः
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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श्री हरिस्तोत्रम् - हरिर्हरतिपापानि दुष्टचित्...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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उत्तर पर्व - अध्याय १८३
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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व्यासशिक्षा - उच्चारणफलप्रकरणम्
प्रस्तुत ग्रंथाचा रचनाकाल विभिन्न विद्वानांनी ईसवीसन पूर्व १००० ते ईसवीसन पूर्व ५०० सांगितलेला आहे.
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उत्तरभागः - अध्यायः १७
अठरा पुराणांमध्ये भगवान् शंकराची महान महिमा लिंगपुराणात वर्णिलेली आहे. यात ११००० श्लोक आहेत. प्रथम योग आणि नंतर कल्प असे विवेचन गुरू वेदव्यास यांनी या पुराणात सांगितले आहे.
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खण्डः ३ - अध्यायः ०३२
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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कामाख्या सिद्धी - दीप अर्पण
कामरूप कामाख्या में जो देवी का सिद्ध पीठ है वह इसी सृष्टीकर्ती त्रिपुरसुंदरी का है ।
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veda
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scripture
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श्रीसूक्त लक्ष्मीपूजन - तृतीय पूजा
दीपावली के पाँचो दिन की जानेवाली साधनाएँ तथा पूजाविधि कम प्रयास में अधिक फल देने वाली होती होती है और प्रयोगों मे अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होती है ।
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इतर पूजा
दिपावली म्हणजे दीपोत्सव हा उत्सव साजरा करुन भोवतालचा अंधार नाहीसा करणे आणि प्रकाशाच्या वाटेने जाणे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३६४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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शिवगीता - षष्ठोमाध्यायः
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे
Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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सौरपुराणं - अध्यायः ४५
सौरपुराणं व्यासकृतम् ।
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वराहपुराणम् - अध्यायः ३९
'वराह पुराण' हे एक वैष्णव पुराण आहे. या पुराणातील श्लोकांत भगवानांच्या वराह अवतारातील धर्मोपदेश कथांच्या रूपात प्रस्तुत केलेला आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः १२४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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स्वच्छन्दभैरवतन्त्र - दशमः पटलः ६
स्वच्छन्दभैरवतन्त्र हे एक असे तंत्र आहे, ज्यापासून प्रत्यक्ष भैरव मदतीला उभे राहतात.
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सर्व पूजा - भाग ३
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नारायणपूर्वतापिनीयोपनिषत्
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
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गृहप्रवेश - वरुण स्थापना
नवीन घर घेतल्यावर वास्तुशांत करावयाचे नसल्यास गृहप्रवेश विधी करून राहायला जाता येते.
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कलश स्थापन
ईश्वरोन्मुख होनेके बाद मनुष्यको परमात्माके वास्तविक तत्वक परिज्ञान होने लगता है और फिर वह सदा सर्वदाके लिये जीवमुक्त हो जाता है, इसीलिये सारे कर्म शास्त्रकी आज्ञाके अनुसार होने चाहिये ।
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स्वच्छन्दभैरवतन्त्र - दशमः पटलः ११
स्वच्छन्दभैरवतन्त्र हे एक असे तंत्र आहे, ज्यापासून प्रत्यक्ष भैरव मदतीला उभे राहतात.
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भर्गाख्यः पञ्चमांशः - षष्ठोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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अथान्हिकादिप्रकरणम् - अथ सर्वदेवानां साधारणपूजा
‘कृत्य दिवाकरः’ या ग्रंथाद्वारे शास्त्रोक्त पूजा पाठ कसे करावेत याचे ज्ञान मिळते.
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पञ्चसप्ततितमः पटलः - पितामहसभावर्णनम्
अकालमृत्युहरणसभावर्णनम्
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वेदान्त परिभाषा - आगमः
धर्मराज अध्वरीन्द्र विरचित वेदान्त परिभाषा ग्रंथ वेद जाणून घेण्यासाठी उत्तम आहे.
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मुण्डकोपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद् .
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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खण्डः २ - अध्यायः ०२२
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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खण्डः २ - अध्यायः १२४
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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दुर्गा सप्तशती - मध्यमचरितस्य
दुर्गा सप्तशतीचा पाठ केल्याने जीवनातील सर्व पापे नष्ट होऊन मुक्ति मिळते.
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मंगलागौरी पूजा - पूजा
मंगलागौरी व्रत विवाह झालेल्या स्त्रियांनी पतीच्या आयुष्यवृद्धीसाठी पहिली पाच वर्षे श्रावण मासातील प्रत्येक मंगळवारी करावे .
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श्री नारदीयमहापुराणम् - पञ्चाशत्तमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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वटसावित्री पूजा - पूजा
सौभाग्य पतीपासून प्राप्त होते म्हणून वटसावित्रीची पूजा सुवासिनी मनोभावे व श्रद्धेने करुन आपल्या पतीला उत्तम आरोग्य, दीर्घायुष्य लाभावे यासाठी हे व्रत करतात.
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सुबालोपनिषत्
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic wisdom.
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